Andhra Pradesh Temple Stampede: आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के कासीबुग्गा में स्थित वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में शुक्रवार को एक बड़ा हादसा हो गया।
देवउठनी एकादशी के मौके पर भारी भीड़ के बीच भगदड़ मच गई, जिसमें कम से कम 9 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए।
यह हादसा उस समय हुआ जब मंदिर में दर्शन के लिए हजारों लोग एकत्रित हुए थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक घायलों की हालत गंभीर है और मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।

क्या हुआ: भीड़ बढ़ने से नियंत्रण टूटा
शुक्रवार सुबह से ही मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी हुई थी देवउठनी एकादशी के शुभ दिन पर दर्शन के लिए हजारों भक्त पहुंचे, जिससे मंदिर परिसर में प्रवेश और निकास दोनों ओर दबाव बढ़ गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक अचानक कुछ लोग फिसल गए और भगदड़ मच गई। कई महिलाएं और बच्चे जमीन पर गिर पड़े, कुछ को सीपीआर देकर बचाने की कोशिश की गई।
वीडियो फुटेज में देखा जा सकता है कि मंदिर में पूजा का सामान बिखरा पड़ा है और लोग घबराहट में अपने परिजनों को खोज रहे हैं।
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प्रशासन की प्रतिक्रिया और राहत कार्य
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस, फायर ब्रिगेड और मेडिकल टीम मौके पर पहुंची। घायलों को पास के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने हादसे पर गहरा दुख जताया और कहा,
श्रद्धालुओं की मौत की खबर बेहद दुखद है। मैंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी घायलों को तत्काल बेहतर इलाज दिया जाए।
राज्य के कृषि मंत्री और जिला कलेक्टर भी मौके पर पहुंचे और राहत बचाव कार्य का जायजा लिया। फिलहाल प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है और भीड़ नियंत्रण व्यवस्था की समीक्षा के आदेश दिए हैं।
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क्या भीड़ प्रबंधन में चूक हुई?
यह घटना एक बार फिर दिखाती है कि धार्मिक आयोजनों में भीड़ नियंत्रण की व्यवस्था कितनी जरूरी है। विशेषज्ञों का कहना है कि बड़े धार्मिक आयोजनों के दौरान प्रशासन को पहले से सुरक्षा योजना बनानी चाहिए।
ऐसे मौकों पर अलग-अलग प्रवेश और निकास मार्ग, पर्याप्त पुलिस बल, मेडिकल टीम और आपातकालीन निकासी मार्ग (Emergency Exit) की व्यवस्था होनी चाहिए।
इसके साथ ही सीसीटीवी और ड्रोन मॉनिटरिंग जैसी आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल भी जरूरी है ताकि अचानक भीड़ बढ़ने पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।
देश में पहले भी कई मंदिरों में इसी तरह की घटनाएं हो चुकी हैं, जो प्रशासन और श्रद्धालुओं दोनों के लिए चेतावनी हैं।
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Andhra Pradesh Temple Stampede,श्रद्धालुओं और परिवारों का दर्द
मंदिर में जहां भक्ति और श्रद्धा का माहौल होना चाहिए था, वहां अब मातम पसरा है। कई परिवार अपने लापता परिजनों की तलाश में अस्पतालों और मंदिर के बाहर भटक रहे हैं।
मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। यह हादसा हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि श्रद्धा के साथ-साथ सुरक्षा और जागरूकता भी कितनी जरूरी है।
हर साल ऐसे आयोजनों में लाखों लोग भाग लेते हैं, लेकिन थोड़ी सी लापरवाही बड़ी त्रासदी में बदल सकती है।
कासीबुग्गा मंदिर की यह घटना केवल एक हादसा नहीं, बल्कि एक चेतावनी है कि धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए।
सरकार, मंदिर प्रबंधन समिति और स्थानीय प्रशासन को मिलकर भीड़ प्रबंधन की ठोस व्यवस्था बनानी चाहिए।
श्रद्धालुओं को भी शांति और अनुशासन बनाए रखना चाहिए ताकि आस्था का उत्सव किसी त्रासदी में न बदले। हम मृतकों की आत्मा की शांति और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हैं।
Disclaimer: यह लेख विभिन्न विश्वसनीय समाचार स्रोतों जैसे NDTV, India Today और Hindustan Times की प्रारंभिक रिपोर्ट्स पर आधारित है प्रशासनिक जांच जारी है, इसलिए भविष्य में आंकड़ों या विवरणों में बदलाव संभव है। यह रिपोर्ट केवल सूचनात्मक उद्देश्य से प्रकाशित की गई है और किसी अपुष्ट दावे का समर्थन नहीं करती।
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