Chhath Puja 2025 छठ पूजा 2025 की धूम हर साल की तरह इस बार भी बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के लोग बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाने वाले हैं। यह त्योहार सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित है।
व्रती निर्जन व्रत रखकर नदी, तालाब या घाटों पर सूर्य को अर्घ्य देते हैं और अपने परिवार के लिए सुख-शांति की कामना करते हैं। छठ पूजा में कुछ खास फल और पूजा सामग्री का होना बेहद जरूरी है।
हर फल का पूजा में विशेष महत्व है और इन्हें अर्पित करना व्रत की पूर्णता को दर्शाता है। आइए जानते हैं कि छठ पूजा में कौन से फल और सामग्री आवश्यक माने जाते हैं।
केला: Chhath Puja में क्यों है खास
केला छठ पूजा में सबसे महत्वपूर्ण फल माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि भगवान विष्णु के वास के कारण केला पवित्र फल है। इसे पूजा में शामिल करने से छठी मैया की कृपा बनी रहती है और व्रत पूर्ण होता है। व्रती पूजा में केले को विभिन्न प्रसादों के साथ अर्पित करते हैं। इसके अलावा, केला स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है और इसे अर्पित करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है।

डाभ नींबू: छठी मैया का प्रिय फल
डाभ नींबू को छठी मैया का पसंदीदा फल माना जाता है। इसकी मोटी छिलका इसे अशुद्ध होने से बचाती है। व्रती इसे अर्पित करके छठी मैया की कृपा प्राप्त करते हैं और घर में समृद्धि और सुख-शांति आती है। छठ पूजा में डाभ नींबू का होना बेहद आवश्यक है, क्योंकि इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है।

नारियल: देवी लक्ष्मी का प्रतीक
नारियल को छठ पूजा में देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। यह पूजा में पवित्रता और श्रद्धा दर्शाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। नारियल अर्पित करने से परिवार में धन, समृद्धि और सुख-शांति बनी रहती है। इसके साथ ही, पूजा की सामग्री में नारियल का होना परंपरा का हिस्सा है और यह व्रत की पूर्णता का संकेत देता है।

सिंघाड़ा: पानी में उगने वाला पवित्र फल
सिंघाड़ा छठ पूजा में विशेष महत्व रखता है। यह पानी में उगने वाला फल है और इसका कठोर छिलका इसे पवित्र बनाता है। लोग मानते हैं कि इसे अर्पित करने से छठी मैया का आशीर्वाद मिलता है और घर में सुख-शांति बनी रहती है। सिंघाड़ा का उपयोग प्रसाद और पूजा सामग्री दोनों में होता है।

गन्ना: समृद्धि और पवित्रता का प्रतीक
गन्ना छठ पूजा में खास महत्व रखता है। इसे अर्पित करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। छठी मैया को गन्ना अर्पित करना शुभ माना जाता है। व्रती इसे पूजा के दौरान सजावट और प्रसाद दोनों में इस्तेमाल करते हैं।

सुपारी: शक्ति और समर्पण का प्रतीक
सुपारी को हिंदू धर्म में पूजा-पाठ में हमेशा महत्वपूर्ण माना गया है। छठ पूजा में भी इसे विशेष स्थान दिया जाता है। सुपारी अर्पित करने से शक्ति, स्थिरता और समर्पण का प्रतीक मिलता है। यह प्रसाद और पूजा सामग्री दोनों में शामिल होती है और घर में सुख-समृद्धि लाती है।
छठ पूजा के ये विशेष फल और सामग्री न सिर्फ परंपरा का हिस्सा हैं, बल्कि इनके पीछे गहरे धार्मिक और सामाजिक अर्थ भी जुड़े हैं। व्रती इन फलों और सामग्री के माध्यम से छठी मैया की कृपा प्राप्त करते हैं और अपने परिवार के लिए सुख-शांति, समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना करते हैं।
Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं पर आधारित है। वास्तविक धार्मिक रीतियों और मान्यताओं में क्षेत्रीय भिन्नता हो सकती है।
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